Shivratri 2024 शिवरात्रि का व्रत 5 औरतें गलती सेभी ना रखे भयंकर श्राप लगता है 2024 शिवरात्रि मुहूर्त

दोस्तों हर-हर महादेव शिवरात्रि के इस पवित्र अवसर पर पांच ऐसी महिलाओं और पुरुषों को शिवरात्रि का व्रत नहीं रखना चाहिए भगवान शिव हो जाते हैं क्रोधित ऐसे व्यक्तियों की पूजा कभी स्वीकार नहीं करते इसे शास्त्रों में घोर पाप माना जाता है दोस्तों आगे बढ़ने से पहले आपसे एक विनती महादेव के लिए एक लाइक तो बनता है ओम नमः शिवाय हैप्पी शिवरात्रि दोस्तों वेद पुराण में शिवरात्रि का बड़ा ही महत्व है शिव भक्त बड़ी ही धूमधाम से शिवरात्रि का पर्व मनाते हैं दोस्तों इसे खुशियों का महापर्व भी माना जाता है जिससे मन प्रसन्न हो जाता है आपको बता दे जो भी इस दिन भगवान शिव का व्रत करता है और पूरे विधि विधान से पूजा पाठ करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी अवश्य होती है साथ ही साथ परेशानियाँ भी सब खत्म हो जाती है इतना ही नहीं शिवगौरी की पूजा करने से मन चाहा वर या वधु भी मिलती है दोस्तों इसी के साथ ही क्या आप जानते है पाँच ऐसी महिलाओं को शिवरात्रि का व्रत भूलकर भी नहीं रखना चाहिए भगवान शिव हो जाते हैं और जीवन भर उस व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ता है तो चलिए जानते हैं दोस्तों नंबर वन खास तौर से पति-पत्नी के लिए शिवरात्रि का व्रत रखना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है इस व्रत को पूर्ण रूप से करने से वैवाहिक जीवन सफल हो जाता है और सात जन्मों तक का साथ मिल जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं

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अगर आपने हिंदू रीति-रिवाजों के साथ सात फेरे नहीं लिए हैं तो आप शिवरात्रि के इस व्रत को नहीं रख सकते ऐसे में आप दूर रहे बगैर सात फेरे कोई भी प्रेमी जोड़े इस व्रत को नहीं कर सकते शास्त्रों में इस बात की बिल्कुल मनाही है अगर आपने कोर्ट मैरिज भी की है तो फिर भी आप इस व्रत को रखने में सक्षम नहीं है पहले आप सात फेरे **** **** तभी ही इस व्रत को भलीभांति किया जा सकता है दोस्तों सात फेरे लेने के बाद आप किसी भी धार्मिक कार्य में शामिल भी हो सकते है और अगर आप शास्त्रों के विरुद्ध ऐसा करते है तो आप पाप के भागीदार बन सकते है दोस्तों नंबर टू मन में क्रूर विचार एक दुष्ट शिवरात्रि के इस पवित्र महीने से हमेशा दूर ही रहे ऐसे व्यक्ति की पूजा कभी स्वीकार नहीं करते महादेव अगर हम शास्त्रों की माने तो अगर आपके मन में गलत विचार आते हैं और आप दूसरों के प्रति गलत भावना अपने मन में रखते हैं ऐसे में आप हमेशा गंदा सोचते हैं तो आप शिवरात्रि का व्रत कभी ना रखें महादेव ऐसे व्यक्ति से सदैव क्रोधित रहती हैं और उनकी पूजा भी कभी स्वीकार नहीं करते अगर आपका मन सच्चा है तभी ही शिव आपके अवश्य सुनेंगे दोस्तों नंबर थ्री तलाकशुदा व्यक्ति को शिवरात्रि के पवित्र अवसर पर शिव की आराधना नहीं करना चाहिए क्योंकि ये दिन प्रेम का प्रतीक माना जाता है इसीलिए आप इस व्रत को कतई ना रखें आपको बता दें शास्त्र कहता है जो प्रेमी जोड़े एक दूसरे से दूर रहते हैं तो उन्हें वक्त के चलते एक हो जाना चाहिए तभी ही ईश्वर उनकी भक्ति स्वीकार करता है

शास्त्र कहता है पति-पत्नी जब साथ में मिलकर ईश्वर की आराधना करते हैं तो कई गुना फलों की प्राप्ति एक साथ होती है ऐसे में अगर आप शिवरात्रि का व्रत रखना चाहते दोनों को सबसे पहले एक होना पड़ेगा तभी ही महादेव और मां पार्वती इनकी पूजा स्वीकार करेंगी क्योंकि शिव और माता पार्वती का प्रेम अटूट है ऐसे में आप भी अपने पार्टनर के साथ प्रेम भाव दिखाएं दोस्तों आपने अर्धनारीश्वर का वह रूप तो देखा ही होगा जब माता पार्वती और शिव एक ही शरीर है यानी यह अलग-अलग नहीं है तो आप भला कैसे अलग हो सकते हैं शिव की आराधना करने के लिए पति-पत्नी का मिलन होना दोनों में प्यार होना बहुत ही आवश्यक पूर्वक माना जाता है तभी ही शिवरात्रि का व्रत सफल माना गया है दोस्तों नंबर चाणक्य के अनुसार एक बेशक की पूजा भी ईश्वर कभी स्वीकार नहीं करता ये शास्त्रों के विरुद्ध है ऐसा करने से महापाप माना जाता है ऐसे में शिवरात्रि के इस पवित्र समय में ऐसी महिलाओं को दूर रहना चाहिए और व्रत को गलती से भी नहीं रखना चाहिए दोस्तों नंबर फाइव ये गलती कभी मत करना पुराणों के अनुसार कुबारी कन्याओं को शिवलिंग कभी नहीं छूना चाहिए इसे पाप माना जाता है और वहीं जिस व्यक्ति के मन में स्त्री के प्रति गंदे विचार या वो व्यक्ति गालियां देता है तो भगवान शिव ऐसे व्यक्ति को **** में भी स्थान नहीं देते ऐसे की पूजा कभी स्वीकार नहीं करते वही कुम्हारी लड़कियां शिवरात्रि का व्रत जरूर रखें अगर पाना है महादेव जैसा पति तो इस व्रत को कुंवारी कन्या अवश्य रखें खासतौर से शिवरात्रि में जब कोई कुंवारी कन्या व्रत को भलीभांति पूरा करती है तो यकीनन उसे महादेव जैसे पति की प्राप्ति अवश्य होती है और महादेव उसे स्वयं अच्छा वर लाकर देते हैं अच्छा वर उसके लिए चुनते हैं तो ऐसे में हम यह जानते हैं कि शिवरात्रि पर क्या गलतियां नहीं करना चाहिए जिससे भोलेनाथ क्रोधित ना हो तो चलिए जानते हैं

दोस्तों शिवरात्रि के दिन क्या करें महाशिवरात्रि के दिन व्रत करें और सुबह जल्दी उठे स्नान करें और साफ सुथरे कपड़े पहने शुभ काल में मंदिर जाकर भगवान भोलेनाथ जी को जल और दूध चढ़ाए इस दिन भगवान भोलेनाथ जी का ध्यान करें ओम नमः शिवाय का जाप अवश्य करें इस दिन आपको भोजन ग्रहण नहीं करना है इसीलिए अगर आपने व्रत किया है तो सिर्फ फल खाकर ही व्रत पूरा करें और हो तो पूरा दिन फल भी खाए और दूसरे दिन व्रत छोड़े अगर आपसे नहीं हो पा रहा तो आप एक समय में भोजन कर सकते हैं दोस्तों वीडियो आगे शुरू करें इस वीडियो को एक लाइक अवश्य कर दें और कमेंट बॉक्स में जय भोलेनाथ अवश्य लिख दें जिससे कि भगवान भोलेनाथ जी का आशीर्वाद आपको सीधे प्राप्त हो सके दोस्तों सच्चे दिल से इस नियम को मानने वाला व्यक्ति भगवान भोलेनाथ जी को बहुत ही प्रिय होता है दोस्तों अब बात करते हैं महाशिवरात्रि के अवसर पर आपको क्या गलती नहीं करना चाहिए जिससे भगवान भोलेनाथ क्रोधित ना हो दोस्तों चाहे कुछ भी हो जाए महाशिवरात्रि के दिन मांस मदिरा का सेवन गलती से भी मत करना नहीं तो आपके साथ कुछ भी हो सकता है महाशिवरात्रि के दिन देर तक कभी ना सोए इससे आपका भाग्य बिगाड़ सकता है भगवान भोलेनाथ रूठ सकते है महाशिवरात्रि के दिन दाल चावल या गेहूं से बने पकवान नहीं खाना चाहिए इस दिन आप सिर्फ फल, दूध, चाय और कॉफी ले सकते है दोस्तों अगर आप भगवान भोलेनाथ जी को प्रसन्न करना चाहते हैं

तो इस दिन काले कपड़े भूलकर भी मत पहनना इस दिन जितना ज्यादा हो सके भगवा रंग यह लाल रंग का ही कपड़ा पहने बहुत ही शुभ और मंगलकारी माना जाएगा इस दिन गलती से भी पति पत्नी शारीरिक संबंध भूलकर भी ना बनाए अन्यथा भगवान भोलेनाथ के क्रोध का सामना आपको करना पड़ेगा इस दिन जितना ज्यादा हो सके दानपूर्ण करें भगवान भोलेनाथ को अगर खुश करना है तो यह बातें गाँठ बांध ले दोस्तों ये पाप कभी मत करना महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर शिवलिंग पर भूलकर भी चीजें मत चढ़ाना नहीं तो जिंदगी भर आपको किसी बड़ी परेशानी का आपको सामना करना पड़ सकता है आपका व्रत टूट भी सकता है भगवान भोलेनाथ अत्यंत क्रोधित हो सकते है जान लीजिए नहीं तो आपके व्रत रखने का कोई भी फायदा नहीं तो चलिए जानते है दोस्तों number एक तुलसी पौराणिक कथाओं के मुताबिक तुलसी को माता लक्ष्मी जी का स्वरूप माना जाता है माता लक्ष्मी जी भगवान विष्णु जी की अर्ध दांगिनी है भगवान विष्णु शालिग्राम में ही तुलसी का प्रयोग किया जाता है ऐसे में शिवलिंग पर तुलसी का प्रयोग वर्जित है ये आपको पाप का भागीदार बना सकता है ऐसा अनर्थ कभी मत करना

दोस्तों नंबर दो सिंदूर-सिंदूर एक प्रकार से श्रृंगार की वस्तु है जो सभी देवियों को चढ़ाया जाता है परंतु भगवान भोलेनाथ बैरागी है और वह महाकाल है इसीलिए उन्हें सिंदूर नहीं चढ़ाया जाता है ऐसा पाप आप कभी मत करना दोस्तों नंबर तीन शिवरात्रि के पावन स्तर पर जितना ज्यादा हो सके आपको भगवा रंग पहनना चाहिए भगवान भोलेनाथ अति प्रसन्न होते हैं इस दिन काले कपड़े पहनने से बचना चाहिए और मंदिर में काले वस्त्र पहनकर कभी प्रवेश ना करें दोस्तों नंबर चार हल्दी सभी देवी देवताओं की पूजा में हल्दी का उपयोग किया जाता है लेकिन कुछ का मानना है कि विनाश के देवता भगवान भोलेनाथ जी को अर्पित नहीं करना चाहिए क्योंकि हल्दी सौभाग्य का प्रतीक है दोस्तों पाँच केतकी के पौराणिक कथाओं के मुताबिक केतकी के फूल भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि एक बार केतकी के फूल भगवान Brahma के झूठ में साथ दिया था ये बात जानकर भगवान Bholenath ने क्रोध में आकर Ketki के फूल को श्राप दे दिया दोस्तों number छह नारियल पानी एक पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि शिवलिंग पर नारियल पानी नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि ये शुभ नहीं माना जाता दोस्तों number सात शंख जल भोलेनाथ ने शंख चूर्ण नाम के असुर का वध किया था शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है जो भगवान विष्णु का भक्त था इसीलिए Vishnu भगवान की पूजा शंख से होती है शिव की नहीं दोस्तों number आठ तिल यह भगवान Vishnu के मैल से उत्पन्न हुआ था माना जाता है

इसीलिए इसे भगवान भोलेनाथ को नहीं अर्पित किया जाना चाहिए दोस्तों number नौ टूटे हुए चावल भगवान भोलेनाथ को अक्षर यानी साबुत चावल अर्पित किए जाने के बारे में शास्त्रों में लिखा है टुटा हुआ चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है इसीलिए ये भगवान भोलेनाथ को नहीं चढ़ता आप ऐसा अनर्थ सेट करना चावल चढ़ाने से पहले ध्यान से देख लें कहीं चावल टुटा हुआ ना हो खासतौर से शिवरात्रि पर यह चीजें भगवान भोलेनाथ को चढ़ाने से भी व्यक्ति का भाग्य चमक उठता है भगवान भोलेनाथ होते हैं अति प्रसन्न तो चलिए जानते हैं दोस्तों नंबर ग्यारह गंगाजल विष्णु के चरणों से निकली और भगवान भोलेनाथ की जटा से धरती पर उतरी है इसीलिए सभी नदियों में गंगा परम पवित्र गंगाजल से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करने से मानसिक शांति और सुख की प्राप्ति होती है दोस्तों नंबर बारह गन्ने का रस और का प्रतीक माना जाता है शास्त्रों में इसे बहुत ही पवित्र माना गया है प्रेम के देवता कामदेव का धनुष गन्ने से बना है देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन गन्ने का घर बनाकर भगवान विष्णु की तुलसी की पूजा की जाती है दोस्तों नंबर तेरह तीन पत्तों वाला बेलपत्र तीन पत्तों वाला बेलपत्र जो कटा-फटा नहीं हो ऐसा भगवान भोलेनाथ को चढ़ाएं तीन पत्तों वाला बेलपत्र त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश का प्रतीक माना जाता है, महाशिवरात्रि के अवसर पर बेलपत्र अर्पित करने से शिवलोक की प्राप्ति होती है

ऐसा पुराणों में बताया गया है दोस्तों नंबर चौदह धतूरे का फूल, धतूरे के फल समान धतूरे का फूल भी भगवान भोलेनाथ को प्रिय है इसका कारण यह है कि यह सफेद होता है और औषधीय कारणों से गुणकारी होता है मानसिक शांति के लिए धतूरे के पुष्प को शिवलिंग पर अर्पित करें दोस्तों नंबर पंद्रह चांदी के नाग-नागिन के जोड़े कि ग्रहों के अशुभ प्रभाव के कारण घर में सुख शांति की कमी और आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान भोलेनाथ को नाग-नागिन के जोड़े समर्पित इससे कालसर्प और नाग दोष समाप्त होता है दोस्तों नंबर सोलह है धतूरा भांग की तरह धतूरा भी एक जड़ी बूटी है भगवान भोलेनाथ के सिर पर चढ़े विष के प्रभाव को दूर करने के लिए धतूरे का प्रयोग भी किया गया था इसीलिए भगवान भोलेनाथ को धतूरा भी प्रिय है महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवलिंग पर धतूरा अर्पित करें इससे शत्रुओं का भय दूर होता है साथ ही धन संबंधी मामलों में उन्नति होती है दोस्तों नंबर सत्रह भांग भगवान भोलेनाथ ने हलाहल विषपान किया इस बीज के उपचार के लिए कई तरह की जड़ी बूटियों का प्रयोग देवताओं ने भी एक है इसीलिए भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है और से शिवरात्रि के अवसर पर भांग के पत्ते को पीसकर दूध या जल में घोल कर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करें तो रोगों से मुक्ति मिलती है दोस्तों अब बात करते हैं कि आपको महाशिवरात्रि व्रत में क्या खाना देखिए दोस्तों महाशिवरात्रि होती है वह गंगा जल की हर एक बूंद की तरह पवित्र मानी गई है शुभकारी मानी गई है हमारे हिंदू परंपरा में शिवरात्रि का बहुत महत्व है और यह पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है भगवान भोलेनाथ भोले भंडारी है वे एक लोटा जल से भी प्रसन्न हो जाते है मात्र एक बेलपत्र से भी अति प्रसन्न हो जाते है लेकिन भगवान भोलेनाथ शीघ्र ही गुस्सा भी हो जाते है जहाँ भगवान भोले कुछ चीज प्रिय है तो वही कुछ चीज आप यह भी है कुछ चीज ऐसी है जिनका भगवान भोलेनाथ की पूजा में अगर इस्तेमाल ना किया जाए तो भगवान भोलेनाथ का पूजन अधूरा रह जाता है वही कुछ चीजें ऐसी होती है जो अगर अनजाने में आप भगवान भोलेनाथ को अर्पित कर देंगे तो उससे भगवान भोलेनाथ आपसे रुष्ट हो जाएंगे इसलिए भगवान भोलेनाथ की पूजा करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए

आज के इस हम आपको बताएँगे कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर क्या करें क्या ना करें कौन सी ऐसी वस्तुएँ हैं जो भगवान भोलेनाथ को अति प्रिय है और कौन सी ऐसी वस्तु है जो भगवान भोलेनाथ को बिल्कुल भी प्रिया नहीं है और कौन सी वस्तु है जो भगवान भोलेनाथ को भूल से भी अर्पित नहीं करना चाहिए? दोस्तों सबसे पहले जानते हैं कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर क्या करना चाहिए जिससे कि भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त हो महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा सफेद या लाल रंग के वस्त्र धारण करके ही करें सफेद और लाल रंग के वस्त्र धारण कर भगवान भोलेनाथ का पूजन करना बहुत ही शुभ माना जाता है यदि संभव हो तो इस दिन पूजा में बिना सिले हुए वस्त्र पहने महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग का पूजन अवश्य ही करें शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान भोलेनाथ के रूप में प्रकट हुए। इसलिए इस दिन शिवलिंग का पूजन करना सबसे ज्यादा श्रेष्ठ माना जाता है। शिवलिंग का पूजन करने से भगवान भोलेनाथ और माता Parvati के असीम कृपा प्राप्त होती है। वैसे तो महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ का पूजन रात्रि के चारों पहाड़ में किया जाता है। दोस्तों इस बार पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत आठ मार्च रात में नौ बजकर सैंतालीस मिनट से होगी इस का समापन अगले दिन नौ मार्च शाम छह बजकर सत्रह मिनट पर होगा। महाशिवरात्रि व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ जी की उपासना निश्चित काल में की जाती है इसलिए महाशिवरात्रि व्रत इस साल आठ मार्च दो हजार चौबीस शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। दोस्तों अब बात करते हैं कि आप लोग किस पहर में कितने समय पूजन कर सकते हैं। प्रथम पहर पूजन समय आठ मार्च को शाम छह बजकर पच्चीस मिनट से शुरू होगा और समापन रात नौ बजकर अठाईस minute को होगा। दूसरा पहर पूजन समय आठ March को रात नौ बजकर अठाईस minute से शुरू होगा और समापन नौ March को रात बारह बजकर इकतीस minute पर होगा। तीसरे पहर पूजन समय March को रात बारह बजकर इकतीस minute से शुरू होगा। और समापन सुबह तीन बजकर चौंतीस minute पर होगा। दोस्तों महाशिवरात्रि का मतलब है भगवान भोलेनाथ का। रात्रि के समय पूजन करना। इससे भगवान भोलेनाथ अति शीघ्र ही प्रसन्न हो जाएंगे। और आपको मन चाहा वरदान देंगे। महाशिवरात्रि भगवान भोलेनाथ के साथ माता पार्वती जी की पूजा भी अवश्य ही करें। ऐसा करने से आपको भगवान भोलेनाथ के साथ माता पार्वती जी का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा, शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग पर बेलपत्र अवश्य ही अर्पित करें। बेलपत्र भगवान भोलेनाथ को अति प्रिय है। बेलपत्र के बिना भगवान भोलेनाथ का पूजन अधूरा माना जाता है।

बेलपत्र एक पत्ता नहीं माना जाता। एक दांडी में जो तीन पत्ते जुड़े हैं, उन्हें बेलपत्र कहा जाता है। एक दांडी में जुड़े हुए बेलपत्र ही शिवलिंग पर अर्पित करें। और चन्दन से उस पर ओम नमः शिवाय लिखकर के अर्पित करें। ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ को पूजा में अक्षत अर्पित करें। ऐसा करने से आपको भगवान भोलेनाथ जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा। इस दिन रात्रि में भगवान भोलेनाथ का जागरण अवश्य करना चाहिए, जिससे आपको महाशिवरात्रि का पूर्ण फल प्राप्त हो सके। महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ की पूजा करने से पहले भगवान श्री गणेश, भगवान कार्तिकेय, नंदी जी और माता पार्वती का पूजन अवश्य ही करना चाहिए, नहीं तो आपको पूजा का फल प्राप्त नहीं होगा। इस दिन बैल को हरा चारा अवश्य ही खिलाना चाहिए। क्योंकि बैल को नंदी जी का रूप माना जाता है, जो भगवान भोलेनाथ जी को अत्यधिक प्रिय है। दोस्तों महाशिवरात्रि पर इन कार्यों को करने से भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है।

दोस्तों, अब बात करते हैं कि आपको महाशिवरात्रि क्या-क्या खाना चाहिए? शिव पुराण के अनुसार माना जाता है कि महा शिवरात्रि पर व्रतधारी को धतूरा अवश्य खा लेना चाहिए। भले ही आप थोड़ा सा खाएं लेकिन खा जरूर लें इससे व्रत पूरा हो जाता है। इस दिन भांग खाने से संपूर्ण फलों की प्राप्ति हो जाती है। अगर आप भांग नहीं खाते हैं। तो इसे थोड़ा बहुत छक लें। नहीं तो आपका व्रत अधूरा माना जाएगा दोस्तों, महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती जी की कृपा प्राप्त करने के लिए इन सभी बातों का विशेष ध्यान रखें। जिससे आपको व्रत पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो और भगवान Bholenath और माता Parvati जी की आपको कृपा मिल सके बहुत सी चीजें इस दिन के व्रत में ऐसी होती है जो आपको नहीं खानी चाहिए और एक चीज ऐसी है जो महाशिवरात्रि के दिन जरूर खानी चाहिए ताकि आपको इस व्रत का संपूर्ण फल मिले महाशिवरात्रि के दिन बहुत से लोग व्रत रखते है एक बेला उपवास रखकर कई लोग साथ भी भोजन करते है महाशिवरात्रि का व्रत अगर आप रखते है तो ध्यान रखे शरीर में पानी कमी ना हो इसके लिए अनार या संतरे के जूस का सेवन कर सकते हैं। लेकिन गन्ने का जूस मत पीजिएगा, महाशिवरात्रि के दिन फलाहार में सेब, संतरा, पपीता, केला, खीरा वगैरह खा सकते हैं। दोस्तों सच्चे दिल से comment box में लिखें, हर हर महादेव एक लाइक जरूर करें, धन्यवाद।