विजया एकादशी गाय को खिला दे ये 1 चीज पूरी साल पैसा खींचा चला आएगा आपके कष्टो से मुक्ति

दोस्तों पूरे पांच सौ सा लो के बाद बन रहा है दिव्य और दुर्लभ महा शुभ संयोग छह मार्च विजय एकादशी इस दिन यानी छह मार्च को विजय एकादशी के दिन चुपचाप गाय को खिला दें यह एक छोटी सी चीज रोडपति भी होंगे करोड़पति मिलेंगी सभी संकट और कष्टों से मुक्ति मृत्युदंड पितृ होगा ख़त्म। पूरे साल आपके घर में भरे रहेंगे अन्न धन के भंडार। यूँ कहे आपके साथ कुश्ती तक करेंगे रुपयों पैसों पर राज दोस्तों भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी की कृपा से आपके सात पीढ़ियों तक बैंक बैलेंस बढ़ता चला जाएगा। सभी दुःख, दर्द, संकट, कष्ट है, वे दूर हो जाएंगे और सभी सुख आपके पास आ जाएंगे। सभी सुख आपके कदम चूमेंगे यदि आप छह मार्च यानी कि विजय एकादशी के दिन चुपचाप यह एक छोटी सी गाय को खिला देते हैं। यकीन मानिए तत्काल गरीबी आपके जीवन से खत्म हो जाएगी। भगवान विष्णु जी माता लक्ष्मी की सदैव आपके ऊपर कृपा बरसेगी। तो दोस्तों कौन सी वे एक खास और महत्वपूर्ण चीज है जो कि आपको छह मार्च को यानी कि विजय एकादशी के दिन गाय को जरूर खिलानी है जिसे भगवान विष्णु जी माता लक्ष्मी प्रसन्न हो जाते हैं। और भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण कर देते हैं। उसी एक खास और महत्वपूर्ण चीज के बारे में हम बताने वाले हैं आपकी किस्मत को चमका देंगे ये उपाय से जुड़े जो कि इस वीडियो में हम आपको बताएंगे। जी हाँ दोस्तों वीडियो को पूरा देखें बहुत ही लाभकारी वीडियो है बहुत ही महत्वपूर्ण वीडियो है। भगवान विष्णु देवी माता लक्ष्मी की कृपा आपको अवश्य ही प्राप्त हो जाएगी।

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जी हाँ दोस्तों

आगे शुरू करें सबसे पहले तो भगवान विष्णु जी माता लक्ष्मी के सच्चे भक्त वीडियो को लाइक कर देना कमेंट्स बॉक्स में जय लक्ष्मी नारायण अवश्य लिख देना। जिससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो और ज्यादा से ज्यादा इस वीडियो को अपने दोस्तों में अपने शेयर करना जिससे और लोग भी इस वीडियो के माध्यम से लाभ उठा सके। दोस्तों आपको बता दें हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु जी को समर्पित है। जी हाँ दोस्तों विजय एकादशी का व्रत भी बाकी एकादशी की तरह बहुत ही चमत्कारी और कल्याणकारी है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को विजय प्राप्त होती है। आपको बताना चाहेंगे वो करने से भगवान विष्णु जी के साथ-साथ माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। और मोक्ष की प्राप्ति व्यक्ति को होती है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष एकादशी को विजय एकादशी के नाम से जाना जाता है। आपको बता दें विजय एकादशी तिथि का आरंभ छह मार्च को सुबह छह बजकर इकतीस मिनट पर होगा और अगले दिन यानी सात मार्च को चार बजकर चौदह मिनट पर इस एकादशी की समाप्ति हो जाएगी। लेकिन उदय काल के अनुसार तिथि के अनुसार छह मार्च को विजय एकादशी रहने वाली है आपको बताना चाहेंगे विजय एकादशी के दिन आप स्नान आदि से निर्वत होकर अपने आप को स्वच्छ कर ले और घर के पूजा स्थान को आप अच्छी तरह से साफ कर ले और इसके बाद भगवान विष्णु जी की मूर्ति स्थापित करें माता लक्ष्मी की मूर्ति प्रतिमा स्थापित करें फिर धूप, दीप, चंदन, फल, फूल और तुलसी आदि से भगवान विष्णु जी की पूजा करें व्रत रखने के साथ विजय एकादशी व्रत की कथा का पाठ करें, रात्रि के समय श्री हरी विष्णु जी के नाम का जाप करें, भगवान विष्णु जी मंत्रों का जाप करें।

विष्णु सशस्त्र नाम का पाठ करें vijaya ekadashi

और माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें, लक्ष्मी नारायण की आरती करें। आपके जीवन में खुशियों की बारिश होगी। समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएँगी और अन्न, धन, वस्त्र जो बने, गरीब को दान जरूर करें, जितना आपसे बने। यकीन मानिए भगवान विष्णु जी प्रसन्न हो जाते हैं, अपना आशीर्वाद व्यक्ति को प्राप्त देते हैं और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हों, ऐसा आशीर्वाद व्यक्ति को देते हैं। और व्यक्ति कार्य सिद्ध हो जाते हैं, सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। और दोस्तों अब बात करें उन गाय से जुड़े महत्वपूर्ण उपायों के बारे में जो कि आपको विजयदशी के दिन यानी छह मार्च को जरूर करने हैं। जो कि आपको गाय से जुड़े ये उपाय आपके जीवन को बदल देंगे। सभी दुख, दर्द, संकट, कष्ट दूर हो जाएंगे, सभी सुख आपके कदमों में आ जाएंगे। सात पीढ़ियों तक लाभ मिलेगा यदि गाय से जुड़े उपाय आपको करते हैं। तो शुरू करते हैं, कौन-कौन से गाय से जुड़े हुए उपाय हैं, जो कि आपको छह मार्च यानी कि विजय एकादशी के दिन जरूर करने चाहिए, चलिए शुरू करते हैं। दोस्तों सनातन परंपरा में गाय, गंगा और गायत्री का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि गौ माता के शरीर पर तैंतीस कोटि देवी देवताओं का वास होता है, गौ माता की सेवा एवं पूजा करने वाले जातक पर इन सभी देवी देवताओं की कृपा बरसती है। गौ सेवा से ना सिर्फ इस जन्म के बल्कि पूर्व जन्म के भी दोष दूर हो जाते हैं, प्रत्येक सुबह जब आपके घर में भोजन बनना प्रारंभ हो तो सबसे पहले बनाई गई रोटी को आप गौ माता के नाम से निकाल दें और भोजन करने से पूर्व गौ माता को इस रोटी को खिलाएं यदि संभव हो तो काली गाय को खिलाएं यदि काली गाय ना मिले तो सफेद गाय को भी आप खिला सकते हैं प्रत्येक पूजा और मांगलिक कार्य में गौ माता या से जुड़ी चीजें जैसे गाय का गोबर गोमूत्र, गाय का दूध अथवा गाय के दूध से बना घी अवश्य शामिल करें इससे आपको पुण्य की प्राप्ति होगी। सनातन परंपरा के अनुसार जिस घर में गाय होती है उस घर से जुड़े सभी वास्तु दोष स्वतः ही समाप्त हो जाते हैं। किसी भी पूजा में गाय से प्राप्त युक्त का उपयोग अवश्य शामिल करें क्योंकि के बिना कोई भी पूजा पाठ और हवन सफल नहीं होता। जी हाँ दोस्तों गौ कृपा पाने के लिए सप्ताह अथवा महीने में परिवार समित एक बार गौशाला जाने का नियम जरूर बनाए और वहां गायों को हरा चारा जरूर खिलाएं इससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति होंगी और साथ ही साथ गौ सेवा और गौ पूजा से नौ ग्रह शांत हो जाते हैं और इनसे जुड़े दोषों का निदान हो जाता है गर्मियों में गौ माता को पानी पिलाएं और सर्दी में गौ माता को गुड़ अवश्य खिलाएं ध्यान कि गर्मियों में गाय को गुड़ ना खिलाएं।

अनेक देवी-देवताओं को अपने शरीर पर धारण vijaya ekadashi

करने वाली गौ माता से जुड़े कई शुभ और अशुभ संकेत भी होते हैं। मसलन गाय का दूध दुहाते समय यदि गाय ठोकर मार दे और सारा दूध बिखर जाए तो अपशगुन होता है यदि कोई यात्रा पर निकल रहा हो और गाय अपने बछड़े को दूध पिलाती सामने आ जाए तो निश्चित रूप से जिस यात्रा के लिए आप निकले हैं वह यात्रा आप अवश्य ही सफल होगी और वह काम जिसके लिए आप निकले हैं वह अवश्य ही पूर्ण होगा यात्रा पर जाते समय बायीं ओर गाय की आवाज आना और रात्रि में गाय की हुंकार करना भी शुभ होता है दोस्तों साथ ही साथ गाय के साथ आप भूलकर भी यह काम ना करें अन्यथा मिलता है घोर **** और जीवन भर की परेशानियां जी हाँ दोस्तों गाय को राष्ट्रीय पशु बनाए जाने और इन्हें मौलिक अधिकार दिए जाने की बात हो रही है तो सवाल उठता है कि गाय जब भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है तब भी गाय के साथ लोग खराब व्यवहार कैसे कर लेते हैं गाय दर दर भटकती रहती है भर पेट इन्हें चारा तक लोग नहीं देते गाय जब तक दूध देती रहती है तो उनकी सेवा होती है और जैसे ही दूध देना बंद कर देती है तो लोग इन्हें उनकी किस्मत पर छोड़ देते है सड़कों पर और गलियों में भटकने के लिए ऐसे में गोवंशी जीवों को कोई डंडे से मारता है तो कोई उन पर पानी डाल देता है, कभी वाहनों से इन्हें ठोकर लग जाती है, तो कभी बीमार होकर बेचारी ये गाय दम तोड़ देती है, ऐसे में जरूरत है इन बातों को जानने की कि गाय को लेकर शास्त्रों में क्या कहा गया है, गाय के साथ आपको कैसा व्यवहार करना चाहिए, क्या दोस्तों गाय को कभी भी मारना-पीटना नहीं चाहिए, शास्त्रों में गाय को का दर्जा दिया गया है गाय को मारने पीटने वाला माता को मारने पीटने वाले के समान पाप का भागी माना जाता है ऐसे घरों को **** लोक में वर्षों तक कष्ट भोगना पड़ता है अगले जन्म पशु योनि में मिलता है कथा है कि गौतम मुनि ने गलती से गाय को डंडा मार दिया था जिससे गाय की मृत्यु हो गई थी और इस पाप से मुक्ति के लिए इन्हें वर्षों तक तपस्या करने ही भगवान श्री कृष्ण जी ने बैल स्वरूप में आए वृत्तासुर का वध कर दिया था जिससे मुक्ति के लिए भगवान श्री कृष्ण को संपूर्ण तीर्थों को एक कुंड में बुलाना पड़ा और इस कुंड में स्नान से वह पाप मुक्त हो गए थे साथ ही साथ जो लोग पानी पी रही गाय को भगाते हैं वे घोर पापी के भागी बनकर **** भोगते हैं ऐसा पुराणों में बताया गया है जबकि जो लोग के लिए प्याऊ और चारागाह बनवाते हैं वह महा भाग्यवान होते हैं ऐसे लोग घोर पाप से मुक्त होकर स्वर्ग पा जाते हैं और बड़े ही धनवान कुल में जन्म लेकर सुख भोगते हैं और साथ ही साथ आराम कर रही गाय को कष्ट देकर कभी भी उठाना नहीं चाहिए कहते हैं कि जिस स्थान पर गाय बैठी है वहां से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है

गाय के बैठने की जगह को जो लोग नियमित साफ रखते है vijaya ekadashi

वे पूर्व जन्म में किए गए जाने अनजाने में पापों से मुक्ति हो जाते है और गोलोक में स्थान पाते है गाय को डंडा मारकर उठाना पानी डालकर उठाने से मनुष्य पाप का भागी बनता है और अगले जन्म में उसे दर दर भटकना पड़ता है और साथ ही साथ शास्त्रों में बताया गया है कि गाय का दूध उसके बछड़े के लिए होता है गाय के बछड़े से हुआ दूध ही मनुष्य को लेना चाहिए लेकिन कुछ लोग एक बार गाय को दोहू लेने के बाद फिर से बछड़े के लिए बचा हुआ दूध भी धो लेते है ऐसा करना घोर पाप कहा जाता है ऐसे दूध को दुहाने वाला और ग्रहण करने वाला दोनों ही पाप के भागी बन जाते है दोस्तों साथ ही साथ शास्त्रों में कहा गया है कि गोवंश यानी गाय और बैल के पीठ पर नहीं बैठना चाहिए इनके पीठ पर बैठने से महापाप लगता है ऐसे लोगों को **** की यातना भोगनी पड़ती है। एकमात्र महादेव के अंश के उत्पन्न नंदी ही गोवंशी है जिस पर स्वयं महादेव और महादेवी सवारी करती है क्योंकि नंदी ने स्वयं अपनी इच्छा से महादेव की सवारी बनना स्वीकार किया था और साथ ही साथ शास्त्रों में गाय के दान को बहुत ही महत्व दिया गया है लेकिन ऐसी गाय का दान कभी नहीं करना चाहिए जो बूढ़ी और बीमार हो कठोप निसद में नचीकेता की कथा भी इस संदर्भ में है कि जिस नचीकेता ने पिता द्वारा बूढ़ी गाय को दान करने पर आपत्ति जताई थी, दूध देने वाली और बछड़े सहित जो लोग गाय का दान करते हैं, वह महान पुण्य को प्राप्त करके स्वर्ग में स्थान पाते हैं, दोस्तों साथ ही साथ सूर्य, चंद्र, मंगल या शुक्र की युति राहू से हो तो पितृ दोष होता है यह भी मान्य है कि सूर्य का संबंध पिता से एवं मंगल का संबंध रक्त से होने के कारण सूर्य यदि शनि राहु या केतु के साथ स्थित हो या दृष्टि संबंधी हो तथा मंगल की युति राहु या केतु से हो तो पितृदोष होता है इस दोष से जीवन संघर्षमय बन जाता है यदि पितृ दोष हो तो गाय को प्रतिदिन या किसी भी एकादशी को या किसी पूर्णिमा के दिन या अमावस्या को रोटी, गुड, चारा आदि खिलाने से पितृ दोष समाप्त हो जाता है, साथ ही साथ देसी गाय की पीठ पर जो ककुद, कुबड़ होता है, वह बृहस्पति गुरु है, अतः जन्मपत्री में यदि बृहस्पति अपनी नीच राशि मकर में हो या अशुभ स्थिति में हो तो देसी गाय के इस बृहस्पति भाग एवं शिवलिंग रूपी कुबड़ के दर्शन चाहिए गुड़ तथा चने की दाल रखकर गाय को रोटी भी दे इससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी और साथ ही साथ यदि आप रास्ते में जा रहे हो और सामने से गौ माता आती हुई दिखाई दे तो गौ माता को आप अपनी दाहिनी ओर से जाने देना चाहिए आपकी यात्रा अवश्य ही सफल होगी और साथ ही साथ यह संकेत भी जान लें यदि आप यात्रा पर जा रहे हैं और सामने आपके गाय पड़ जाए अथवा अपने बछड़े को दूध पिलाती हुई सामने गाय दिखाई दे जाए तो समझ जाना कि वह यात्रा आपके लिए अवश्य ही सफल होंगी और साथ ही साथ जिस घर में गाय होती है उसमें वास्तु दोष स्वतः ही समाप्त हो जाता है और साथ ही साथ आपको बता दें कि गाय को आप जो भी रोटी बनाए प्रतिदिन ताजी रोटी ही बनाए गाय को अगर आपने रोटी बनाई है तो कोशिश करें कि उस रोटी को आप तुरंत ही गाय को दे दें अगर आप उस रोटी को रख देंगे और उस रोटी को अगले दिन देंगे तो वह रोटी बासी मानी जाएगी गाय को कभी भी बासी रोटी ना दें इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा वास करती है और जो भी कार्य आपके वाले होंगे वह कार्य भी आपके बिल्कुल भी नहीं बनेंगे इससे आपके घर में हमेशा दरिद्रता का वास रहेगा और आप जिस भी कार्य को करेंगे उस कार्य में आपको हमेशा असफलता ही हाथ लगेगी इसलिए कोशिश करें गाय को रोजाना ताजी रोटी बनाकर खिलाएं और रोटी को बिल्कुल ना रखें बासी रोटी गाय को ना दें और साथ ही साथ सड़ी गली चीजें गाय को नहीं खिलानी चाहिए। कि घर में कोई फल है, कोई सब्जी है सड़ जाए तो लोग करते हैं, गाय को खिला देते हैं, नहीं ऐसा नहीं करना चाहिए, ऐसा करने से यदि आप गाय को खिलाते हैं तो और आप पाप के भागी बन जाते हैं।

आप बिल्कुल भी सड़ी-गली चीजें गाय को ना खिलाएं vijaya ekadashi

और साथ ही साथ आप आटे की ग्यारह लोहियां बनाकर उनके ऊपर हल्दी लगाएं, इसके बाद आप उन ग्यारह लोइयों को एक-एक करके गाय को खिलाएं, प्रत्येक लोहे को खिलाते समय गाय के सींगों पर आप हाथ फेरें, पीठ पर हाथ फेरें, मस्तक हाथ पैर माता गाय के आप चरणों पे स्पर्श करें दोस्तों ऐसा करने से आपके समस्त कार्य बनने लगेंगे जो दुःख का समय चल रहा है वे भी समाप्त होगा आपके जीवन में खुशियाँ ही खुशियाँ होंगी और एक बार आप सात बार गाय की परिक्रमा भी कर ले तो आपके समस्त कार्य पूर्ण होंगे और साथ ही साथ आप गाय को जब भी रोटी दे रोटी पर या तो आप थोड़ी हल्दी लगा ले या थोड़ा गुड़ रख ले अगर गुड़ ना हो तो आप थोड़ा मिश्री रख सकते हैं, थोड़ा घी रख सकते हैं, या दोस्तों गाय को कभी भी सूखी रोटी ना खिलाएं। सुखी का मतलब गाय रोटी रखें, खिलाएं, उस पर कुछ ना कुछ रखकर खिलाएं। हल्दी रख लें, गुड़ रख लें, मिश्री, घी या जो भी रख लें, मतलब खाली रोटी नहीं खिलानी है। ध्यान इस बात का रखें। जब भी आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी। जी हाँ दोस्तों ये थे गाय से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण उपाय, कुछ बातें जिन्हें आपको ध्यान में जरूर रखना चाहिए, या दोस्तों वीडियो अच्छी लगी हो तो वीडियो को लाइक ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों में शेयर करें। चैनल पर नए हैं तो सब्सक्राइब करें, जय गौमाता।