प्रोजेक्ट संजीवनी के तहत 1 मार्च को धार में डेंटल सर्जन्स के लिए गेस्ट टॉक

धार। डेंटल क्लिनिक में इलाज के दौरान खून ज्यादा बहना, मरीज का बेहोश हो जाना जैसी अप्रिय स्थिति बन सकती है। इस मौके पर सबसे ज्यादा आवश्यक है उस व्यक्ति की जान बचाना और इसके लिए बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। डेंटल क्लिनिक में किसी भी मेडिकल इमरजेंसी और बेसिक लाइफ सपोर्ट के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए इंडियन डेंटल एसोसिएशन (आईडीए) और एसोसिएशन ऑफ ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जन्स ऑफ इंडिया (एओएमएसआई) द्वारा “प्रोजेक्ट संजीवनी” पहल की शुरुआत की गई। प्रोजेक्ट संजीवनी के अंतर्गत डेंटिस्ट को जागरूक करने एवंम जरुरी प्रशिक्षण देने के लिए शुक्रवार 01 मार्च 2024 को धार में एक गेस्ट टॉक का आयोजन किया जाएगा। त्रिमूर्ति नगर, धार के नाटराज पैलेस में होने वाले इस आयोजन में श्री अरबिंदो कॉलेज इंदौर के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. संदेश जैन और डॉ वैभव भट्ट डेंटल सर्जन्स से चर्चा करेंगें एवं बीएलएस से जुडी जरुरी जानकारी देंगें। इस आयोजन का उद्देश्य हर दंत चिकित्सक को नियमित चिकित्सा में आने वाली आपात स्थितियों की पहचान करने और प्रबंधन करने और साथ ही बेसिक लाइफ सपोर्ट देने के लिए प्रशिक्षित करना है।

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इंदौर मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. सन्देश जैन ने बताया, “लगातार बढ़ रही स्वास्थ समस्या को देखते हुए आज के समय में बेसिक लाइफ सपोर्ट यानी जीवन रक्षक कौशल का ज्ञान होना सभी के लिए बहुत जरूरी है। केवल डेंटिस्ट या डॉक्टर ही नहीं बीएलएस प्रशिक्षण प्राप्त आम आदमी भी आपातकालीन स्थिति में किसी के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकता है। कई बार इलाज के दौरान कोई मरीज अचानक पैनिक हो जाता है, बेहोश हो जाता है तो ऐसे समय में यह प्रशिक्षण मरीज की मदद कर सकता है। बीएलएस बुनियादी चिकित्सा सहायता है, जो लोगों को अस्पताल पहुंचने से पहले या उन स्थितियों में दी जाती है, जहां चिकित्सा सुविधा तुरंत उपलब्ध नहीं होती है। इस स्थिति में मरीज को सीधा लिटा दें, उसकी नब्ज देखें, गर्दन की नाड़ी, नाक पर हाथ लगा देखें कि उसकी सांसें चल रही हैं। इसके बाद उसकी छाती खत्म होने व पेट शुरू होने वाली जगह पर अपने एक हाथ की हथेली पर दूसरे हाथ को रख कर उसे प्रेस करें। एक मिनट में 100 से 120 बार ऐसा करें। इसके बाद उसे अस्पताल पहुंचा दें। बीएलएस प्रशिक्षण स्वयं ही सशक्तीकरण और आत्मविश्वास की भावना पैदा करता है। 01 मार्च को होने वाले गेस्ट टॉक का उद्देश्य डेंटल सर्जन्स को इस लाइफ सेविंग प्रोसेस से अवगत कराना है। इंडियन डेंटल एसोसिएशन (आईडीए) और एसोसिएशन ऑफ ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जन्स ऑफ इंडिया (एओएमएसआई) द्वारा शुरू किया गया यह प्रोजेक्ट संजीवनी लोगों को आपात स्थिति से लड़ने के लिए एक नया हथियार प्रदान कर रहा है।