पाँच सौ सा लो के बाद बन रहा है महाशुभ संयोग दस मार्च फाल्गुन अमावस्या इस दिन यानी फाल्गुन अमावस्या के दिन चुपचाप गाय को खिला दे

पाँच सौ सा लो के बाद बन रहा है महाशुभ संयोग दस मार्च फाल्गुन अमावस्या इस दिन यानी फाल्गुन अमावस्या के दिन चुपचाप गाय को खिला दे यह एक छोटी सी चीज रोड़पति भी होंगे करोड़पति मिलेंगी सभी संकटों और कष्टों से मुक्ति मृत्युदंड पितृ दोष तुरंत होगा खत्म पूरे साल आपके घर में भरे रहेंगे अन्न धन के भंडार यूँ कहे कि आपके सात पुश्तें तक करेंगी रुपयों पैसों पर राज दोस्तों सात पीढ़ियों तक bank balance बढ़ता चला जाएगा सभी दुःख, दर्द, संकट, कष्ट वह सभी दूर हो जाएंगे और सभी सुख आपके पास आ जाएंगे यदि आप यह एक छोटी सी चीज फाल्गुन अमावस्या के दिन चुपचाप गाय को खिला देते हैं यकीन मानिए तत्काल गरीबी आपके जीवन से समाप्त हो जाएगी आपके जीवन में आपको अपार धन सुख संपत्ति की प्राप्ति होगी और साथ ही साथ तैंतीस कोटि देवी देवताओं को धारण करने वाली गौ माता की भी सदैव आपके ऊपर कृपा रहेगी क्योंकि इस बार जो फाल्गुन अमावस्या है बहुत ही संयोग में है शत-प्रतिशत आप जो भी उपाय करेंगे लाभ अवश्य मिलेगा

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इतने दुर्लभ संयोग में है इस बार की फाल्गुन अमावस्या तो दोस्तों यदि आप चाहते हैं कि आपके जीवन से तत्काल गरीबी समाप्त हो जाए आपके जीवन में आपको अपार धन सुख संपत्ति की प्राप्ति हो सदैव आपके घर में अन्न धन के भंडार बने रहे तो दोस्तों आज की वीडियो को शुरू से अंत तक पूरा देखना बिना काटे बिना स्किप के हुए क्योंकि बहुत ही महत्वपूर्ण वीडियो है पूरा वीडियो देखें शुरू से अंत तक जी हाँ दोस्तों वीडियो को आगे शुरू करें सबसे पहले तो आप लोगों से रिक्वेस्ट करते हैं वीडियो को लाइक करें और बॉक्स में सच्चे दिल से जय गौमाता अवश्य लिख देना जिससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो और ज्यादा से ज्यादा इस वीडियो को अपने दोस्तों में शेयर जरूर करना जिससे और लोग भी इस वीडियो के माध्यम से लाभ प्राप्त कर सकें। तो आपको बताना चाहेंगे कि हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास में पड़ने वाली अमावस्या का काफी महत्व है। इसे फाल्गुन अमावस्या कहा जाता है। इस बार फाल्गुन अमावस्या दस मार्च दिन रविवार को है। आपको बता दें यह दिन तंत्र साधना के लिए

साथ ही साथ पितृ का तर्पण और श्राद्ध करने के लिए काफी शुभ माना जाता है। इस दिन आपको अपनी श्रद्धा, सामर्थ्य के अनुसार अन्न, धन, वस्त्र, अपने पितरों के निमित्त दान करने चाहिए। और इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान के साथ-साथ दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा अगर आपकी कुंडली में शनि दोष, पितृ दोष या फिर काल सर्प दोष हो तो दोस्तों फाल्गुन अमावस्या के दिन आपको विधि विधान से भगवान शनि देव और भगवान विष्णु जी का पूजन करना चाहिए। आपको बताना कि इस दिन आपको स्नान आदि से निर्वत होकर यदि संभव हो सके तो किसी पवित्र नदी में स्नान करें यदि स्नान करने संभव ना हो तो घर पर ही नहाने वाले पानी में गंगाजल के कुछ बूंदे डालकर स्नान करें और स्नान आदि से निर्वत होकर भगवान विष्णु जी भगवान शनि देव का विधि विधान से पूजन इस दिन आपको जरूर करना चाहिए।

पितृ के निमित्त दान, धर्म के कर्म करें और साथ ही साथ दोस्तों इस दिन आपको फालतू अमावस्या के दिन आपको पीपल के पेड़ की पूजा जरूर करनी चाहिए। पीपल के पेड़ के नीचे आपको आटे का बना हुआ चौमुखी दीपक सरसों का तेल उसमें डालकर और लाल वाले कलावे की बाती लगाकर जरूर जलाना चाहिए। भगवान विष्णु जी मंत्रों का जाप करना चाहिए। भगवान शनिदेव के मंत्रों का जाप करना चाहिए। पितृ के निमित्त उनकी कामना हेतु उनकी प्रसन्न रहें वो इस प्रकार कामना हेतु मनोकामना और ग्यारह बार पीपल के पेड़ की परिक्रमा करते हुए अपनी मनोकामना मानकर घर लौट आए दोस्तों यदि आप फाल्गुन अमावस्या के दिन इस उपाय को भी करते हैं क्योंकि ज्यादा बड़ा उपाय नहीं है उपाय करेंगे तो आपको भगवान विष्णु जी जो जगत के पालनहार हैं और अन्याय के देवता कर्म फलदाता जो भगवान शनि देव हैं इनकी आपको कृपा प्राप्त हो जाएगी और साथ ही साथ सबसे बड़ी बात आपके पितृ की भी आपको कृपा प्राप्त हो जाएगी। इतना उपाय हमने आपको यह बताया इस उपाय को जरूर करें। और इस दिन आपको अन्न, धन, वस्त्र, दान जरूर करने चाहिए। अपनी श्रद्धा, सामर्थ्य के अनुसार जो भी कुछ बने। लाखों-करोड़ों गुना आपको इसका वापस मिल जाता है। यदि आप दान पुण्य करते हैं। और दोस्तों अब बात करेंगे गाय से जुड़े कौन-कौन से उपाय आपको फाल्गुन अमावस्या के दिन जरूर करने हैं।

जिससे आपको भगवान विष्णु जी, वान शनि देव की कृपा प्राप्त हो। आपके पितरों की कृपा प्राप्त हो, तत्काल गरीबी समाप्त हो जाए और आपके जीवन में सुख संपत्ति की आपको प्राप्ति हो जाए। यूँ कहे कि सात पीढ़ियों तक बैंक बैलेंस बढ़ता चला जाए, कमी ना हो किसी प्रकार की। सभी दुख, दर्द, संकट, कष्ट दूर हो जाए और सभी सुख आपके कदमों में आ जाए। कदम चूमे सभी सुख। तो चलिए शुरू करते हैं गाय से जुड़े कौन-कौन से वे उपाय हैं जो कि आपको फाल्गुन अमावस्या के दिन शुरू करने हैं। चलिए शुरू करते हैं। दोस्तों सनातन परंपरा में गाय, गंगा और गायत्री का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि गौ माता के शरीर पर तैंतीस कोटि देवी-देवताओं का वास होता है। गौ माता की सेवा एवं पूजा करने वाले जातक पर इन सभी देवी देवताओं की कृपा बरसती है। गौ सेवा से ना सिर्फ इस जन्म के बल्कि पूर्व जन्म के भी दोष दूर हो जाते हैं। प्रत्येक सुबह जब आपके घर में भोजन बनना प्रारंभ हो तो सबसे पहले बनाई गई रोटी को आप गौ माता के नाम से निकाल दें और भोजन करने से पूर्व गौ माता को इस रोटी ना यदि संभव हो तो काली गाय को खिलाएं, यदि काली गाय ना मिले तो सफेद गाय को भी आप खिला सकते हैं।

प्रत्येक पूजा और मांगलिक कार्य में गौमाता या उनसे जुड़ी चीजें जैसे गाय का गोबर, गोमूत्र, गाय का दूध अथवा गाय के दूध से बना घी अवश्य शामिल करें। इससे आपको पुण्य भाव की प्राप्ति होगी। सनातन परंपरा के अनुसार जिस घर में है होती है उस घर से जुड़े सभी वास्तु दोस्त स्वतः ही समाप्त हो जाते हैं। किसी भी पूजा में गाय से प्राप्त युक्त वृद्धार्थ का उपयोग अवश्य शामिल करें क्योंकि पंचमय के बिना कोई भी पूजा पाठ और हवन सफल नहीं होता या दोस्तों गौ कृपा पाने के लिए प्रतिदिन सप्ताह अथवा महीने में परिवार समेत एक बार गौशाला जाने का नियम जरूर बनाए और वहाँ गायों को हरा चार जरूर खिलाएं। इससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी और साथ ही साथ गौ सेवा और गौ पूजा से नौ ग्रह शांत हो जाते हैं और इनसे जुड़े दोषों का निदान हो जाता है। गर्मियों में गौ माताओं को पानी पिलाएं और सर्दी में गौ माता को गुड़ अवश्य खिलाएं। ध्यान रखें कि गर्मियों में गाय को गुड़ ना खिलाएं। अनेक देवी-देवताओं को अपने शरीर पर धारण करने वाली गौ माता से जुड़े कई शुभ और शुभ संकेत भी होते हैं।

मसलन गाय का दूध दोहते समय यदि गाय ठोकर मार दे और सारा दूध बिखर जाए तो अपशगुन होता है यदि कोई यात्रा पर निकल रहा हो और गाय अपने बछड़े को दूध पिलाती सामने आ जाए तो निश्चित रूप से जिस यात्रा के लिए आप निकले हैं वह यात्रा आपके लिए अवश्य ही सफल होगी और वह काम जिसके लिए आप निकले हैं वह अवश्य ही पूर्ण होगा, यात्रा पर जाते बायीं ओर गाय की आवाज आना और रात्रि में गाय की हुंकार करना भी शुभ होता है दोस्तों साथ ही साथ गाय के साथ आप भूलकर भी ये काम ना करें अन्यथा मिलता है घोर **** और जीवन भर की परेशानियाँ जी हाँ दोस्तों गाय को राष्ट्रीय पशु बनाए जाने और इन्हें मौलिक अधिकार दिए जाने की बात हो रही है

तो सवाल उठता है कि गाय जब भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है तब भी गाय के साथ लोग खराब व्यवहार कैसे कर लेते है गाय दर दर भटकती रहती है भर पेट इन चारा तक लोग नहीं देते गाय जब तक दूध देती रहती है तो उनकी सेवा होती है और जैसे ही दूध देना बंद कर देती है तो लोग इन्हें उनकी किस्मत पर छोड़ देते है सड़कों पर और गलियों में भटकने के लिए ऐसे में गोवंशी जीवों को कोई डंडे से मारता है तो कोई उनपर पानी डाल देता है कभी वाहनों से इन्हें ठोकर लग जाती है तो कभी बीमार होकर बेचारी ये गाय दम तोड़ देती है ऐसे में जरूरत है इन बातों को जानने की कि गाय को लेकर शास्त्रों में क्या कहा गया है? गाय के साथ आपको कैसा व्यवहार करना चाहिए? क्या दोस्तों गाय को कभी भी मारना-पीटना नहीं चाहिए? शास्त्रों में गाय को माता का दर्जा दिया गया है? गाय को मारने-पीटने वाला माता को मारने पीटने वाले के समान पाप का भागी माना जाता है, ऐसे घरों को **** लोक में वर्षों तक कष्ट का है। अगले जन्म पशु योनि में मिलता है, कथा है कि गौतम मुनि ने गलती से गाय को डंडा मार दिया था

जिससे गाय की मृत्यु हो गई थी और इस पाप से मुक्ति के लिए इन्हें वर्षों तक तपस्या करनी पड़ी, भगवान श्री कृष्ण जी ने बैल स्वरूप में आए वृत्तासुर का वध कर दिया था जिससे मुक्ति के लिए भगवान श्री कृष्ण को संपूर्ण तीर्थों को एक कुंड में बुलाना पड़ा और इस कुंड में स्नान से वह पाप मुक्त हो गए थे, यह तो ही साथ जो लोग पानी पी रही गाय को भगाते है वे घोर पापी के भागी बनकर **** भोगते है ऐसा पुराणों में बताया गया है जबकि जो लोग गाय के लिए प्याऊ और चारा ग्रह बनवाते है वह महा भाग्यवान होते है ऐसे लोग घोर पाप से मुक्त होकर स्वर्ग पा जाते है और बड़े ही धनवान कुल में जन्म लेकर सुख भोगते है और साथ ही साथ आराम कर रहे गाय को कष्ट देकर कभी भी उठाना नहीं चाहिए कहते हैं कि जिस स्थान पर गाय बैठी है वहाँ से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है गाय के बैठने की जगह को जो लोग नियमित साफ रखते हैं वह पूर्व जन्म में किए गए जाने अनजाने में पापों से मुक्ति हो जाते हैं और गोलोक में स्थान पाते हैं गाय को डंडा मारकर उठाना पानी डालकर उठाने से मनुष्य पाप का भागी बनता है

और अगले जन्म में उसे दर-दर भटकना पड़ता है और साथ ही साथ शास्त्रों में बताया है कि गाय का दूध उसके बछड़े के लिए होता है गाय के बछड़े से बचा हुआ दूध ही मनुष्य को लेना चाहिए लेकिन कुछ लोग एक बार गाय को दूर लेने के बाद फिर से बछड़े के लिए बचा हुआ दूध भी धो लेते है ऐसा करना घोर पाप कहा जाता है ऐसे दूध को वाला और ग्रहण करने वाला दोनों ही पाप के भागी बन जाते है दोस्तों साथ ही साथ में कहा गया है कि गोवंश यानी गाय और बैल के पीठ पर नहीं बैठना चाहिए, इनके पीठ पर बैठने से महापाप लगता है, ऐसे लोगों को **** की यातना भोगनी पड़ती है, एकमात्र महादेव के अंश के उत्पन्न नंदी ही गौ वंशी है, जिस पर स्वयं महादेव और महादेवी सवारी करती है, क्योंकि नंदी ने स्वयं अपनी इच्छा से महादेव की सवारी बनना स्वीकार किया था, साथ ही साथ शास्त्रों में गाय के दान को बहुत ही महत्व दिया गया है।

लेकिन ऐसी गाय का दान कभी नहीं करना चाहिए, जो बूढ़ी और बीमार हो। कठोप निसद में नचीकेता की कथा भी इस संदर्भ में है कि जिस नचीकेता ने पिता द्वारा बूढ़ी गाय को दान करने पर आपत्ति जताई थी, दूध देने वाली और बछड़े सहित जो लोग गाय का दान करते हैं, वह महान पुण्य को प्राप्त करके में स्थान पाते है दोस्तों साथ ही साथ सूर्य चंद्र मंगल या शुक्र की युति राहू से हो तो पितृदोष होता है यह भी मान्यता है कि सूर्य का संबंध पिता से एवं मंगल का संबंध रक्त से होने के कारण सूर्य यदि शनि, राहू या केतु के साथ स्थित हो या दृष्टि संबंधी हो तथा मंगल की युति, राहू या केतु से हो तो दोष होता है इस दोष से जीवन संघर्षमय बन जाता है यदि पितृ दोष हो तो गाय को प्रतिदिन या किसी भी एकादशी को या किसी पूर्णिमा के दिन या अमावस्या को रोटी, गुड, चारा आदि खिलाने से पितृ दोष समाप्त हो जाता है। साथ ही साथ देसी गाय की पीठ पर जो कपूद, कुबड़ होता है वह बृहस्पति गुरु है अतः जन्मपत्री में यदि बृहस्पति अपनी नीच मकर में हो या अशुभ स्थिति में हो तो देसी गाय के इस बृहस्पति भाग एवं शिवलिंग रूपी कुबड़ के दर्शन करने चाहिए गुड तथा चने की दाल रखकर गाय को रोटी भी दे इससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति होंगी और साथ ही साथ

यदि आप रास्ते में जा रहे हो और सामने से गौ माता आती हुई दिखाई दे तो गौ माता को आप अपनी दाहिनी ओर से जाने देना चाहिए आपकी अवश्य ही सफल होगी और साथ ही साथ यह संकेत भी जान लें यदि आप यात्रा पर जा रहे हैं और सामने आपके गाय पड़ जाए अथवा अपने बछड़े को दूध पिलाती हुई सामने गाय दिखाई दे जाए तो समझ जाना कि वह यात्रा आपके लिए अवश्य ही सफल होंगी और साथ ही साथ जिस घर में गाय होती है उसमें वास्तु दोष स्वतः ही समाप्त हो जाता है और साथ ही साथ आपको बता दें कि गाय को आप जो भी रोटी बनाए प्रति ताजी रोटी ही बनाए, गाय को अगर आपने रोटी बनाई है तो कोशिश करें कि उस रोटी को आप तुरंत ही गाय को दे दें। अगर आप उस रोटी को रख देंगे और उस रोटी को अगले दिन देंगे तो वह रोटी बासी मानी जाएगी, गाय को कभी भी बासी रोटी ना दें, इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा वास करती है और जो भी कार्य आपके बनने वाले होंगे,

वह कार्य भी आपके बिल्कुल भी नहीं बनेंगे, इससे आपके घर में हमेशा दलित देवता का वास और आप जिस भी कार्य को करेंगे उस कार्य में आपको हमेशा असफलता ही हाथ लगेगी इसलिए कोशिश करें गाय को रोजाना ताजी रोटी बनाकर खिलाएं और रोटी को बिल्कुल ना रखें बासी रोटी गाय को ना दें और साथ ही साथ सड़ी-गली चीजें गाय को नहीं खिलानी चाहिए कि घर में कोई फल है, कोई सब्जी है सड़ जाए तो लोग क्या करते हैं गाय को खिला देते हैं, नहीं ऐसा नहीं करना चाहिए, ऐसा करने से यदि आप गाय को खिलाते हैं तो और आप भागी बन जाते हैं। आप बिल्कुल भी सड़ी गली चीजें गाय को ना खिलाएं। और साथ ही साथ आप आटे की ग्यारह लोहियां बनाकर उनके ऊपर हल्दी लगाएं। इसके बाद आप उन ग्यारह लोइयों को एक-एक करके गाय को खिलाएं। प्रत्येक लोहे को खिलाते समय गाय के सींगों पर आप हाथ फेरें, पीठ पर हाथ फेरें, मस्तक पर हाथ फेरें। माता गाय के आप चरणों के स्पर्श करें। जहाँ दोस्तों ऐसा करने से आपके समस्त बनने लगेंगे जो दुःख का समय चल रहा है

वह भी समाप्त होगा आपके जीवन में खुशियां ही खुशियां होंगी और एक बार आप सात बार गाय की परिक्रमा भी कर लें तो आपके समस्त कार्य पूर्ण होंगे और साथ ही साथ आप गाय को जब भी रोटी दें रोटी पर या तो आप थोड़ी हल्दी लगा लें या थोड़ा गुड़ रख लें अगर गुड़ ना हो तो आप थोड़ा मिश्री रख सकते हैं, थोड़ा घी रख सकते हैं या दोस्तों गाय को कभी भी सुखी रोटी ना सूखी का मतलब गाय को जो रोटी रखे खिलाएं उस पर कुछ ना कुछ रखकर खिलाएं। हल्दी रख लें, गुड रख लें, मिश्री, घी या जो भी रख लें, मतलब खाली रोटी नहीं खिलानी है, ध्यान इस बात का रखें। जब भी आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी, जी हाँ दोस्तों ये थे गाय से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण उपाय, कुछ बातें जिन्हें आपको ध्यान में जरूर रखना चाहिए, या दोस्तों वीडियो अच्छी लगी हो तो वीडियो को लाइक करें, ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों में शेयर करें, चैनल पर नए हो तो सब्सक्राइब करें, जय था