अक्षय तृतीया सरल पूजा विधि, माता लक्ष्मी होंगी प्रसन्न akshaya tritiya 2024 saral puja vidhi in hindi

अक्षय तृतीया की पूजा के लिए (akshaya tritiya 2024 saral puja vidhi in hindi) सबसे पहले तो हम जहाँ पर भी पूजा कर रहे हैं उस जगह को साफ कर लेंगे उसके बाद हम थोड़ा सा चौक लीप लेंगे तो देखिए पहले तो गोबर मिट्टी से चौंक लीप लेते थे लेकिन अभी गोबर मिट्टी से लिपना possible ना भी हो तो आप लाल मिट्टी से लिख सकते है यहाँ पर मैंने लाल मिट्टी से चौका लगा लिया है उसके बाद में यहाँ पर chalk लूँगा तो आटे से हल्दी से या रंगोली के जो रंग आते है उनसे आप chalk सकते है तो देखिए यहाँ पर हम कोई भी design जो भी आपको chalk का design आता है आप वो बना ले मैं इस तरह से chalk लूँगा उसके बाद बीच में मैं यहाँ पर स्वास्तिक बना लूँगा इसके बाद देखिए

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अक्षय तृतीया पर कोरे मटके को जल से भरकर दान किया जाता है यानी जल से भरे मटके का पूजन किया जाता है और जल से मटका दान किया जाता है इसके साथ ही हमें चार कलश या लौटे ले लेने है तो आप चाहे तो मिट्टी के कलश ले सकते है आप चाहे तो तांबे या पीतल के कलश ले सकते है मैंने यहाँ पर दो पीतल के कलश लिए है और दो तांबे के कलश लिए है आपकी जैसी सुविधा हो आप उस तरह से कलश ले सकते है लेकिन एक बड़ा कलश यानी एक बड़ा घड़ा आपको मिट्टी का जरूर ले लेना है आप चाहे तो आप पाँचों घड़े मिट्टी के भी ले सकते है क्योंकि जो मिट्टी का घड़ा है ये हमें दान करना होता है तो यहाँ पर ये सभी जितने भी घड़े हैं, उनके कंठ पर हम मोली बांध लेंगे। क्योंकि कलश को या घड़े को कभी भी पूजा में ऐसे खाली नहीं रखा जाता है।

मौली जरूर बांधी जाती है, तो यहाँ पर जितने भी कलश है, मैंने सभी पर मोली बांध ली है। इसके बाद हम इन सभी को शुद्ध जल से भर लेंगे, तो ये टोटल पाँच कलश है, तो जो मिट्टी का कलश है, वो हमें बड़ा लेना है, बड़ा घड़ा लेना है। ताकि जिसको भी आप दान दे सके। वो उसके काम आ सके वो उसको use कर सके अच्छे से। और जो हमने तांबे या पीतल के जो छोटे लोटे लिए हैं, या कलश लिए वो आप किसी भी size के लिए ले सकते है तो देखिए ये हमने सभी भर के रख लिए है इसके बाद हम चावल लेंगे चावल हम बीच में रखेंगे और चारों कोनों पर रखेंगे इस तरह थोड़े थोड़े से चावल हम देखिए चारों कोनों पर रख देंगे और बीच में स्वास्तिक पर भी मैंने चावल रख दिए है

इसके बाद हम देखिए जो मिट्टी का घड़ा हमने लिया है उसको बीच में रखेंगे और जो बाकी हमने कलश लिए है तांबे के और पीतल के ये हम चारों तरफ रख देंगे तो चारों कोनों पर एक एक हमने कलश रख दिए है बीच हमने मिट्टी का घड़ा रख दिया है अब इसके बाद हम पूजन करेंगे अक्षय तृतीया पर Lakshmi माता का पूजन किया जाता है तो देखिए किसी का पूजन तो हमें करना ही है क्योंकि Ganesh जी तो सर्वप्रथम पूजे जाते है Ganesh जी के साथ साथ अक्षय तृतीया पर हमें Laxmi जी का पूजन ज़रूर करना है और जो भी आप चीज़ लेके आए है सोने चाँदी की चीज़ खरीदी जाती है अक्षय तृतीया पर तो जो भी सोना चाँदी आप खरीद के लाए है

वो भी आप साथ में ही पूजा में रखे और देखिए इस तरह के घड़े भी सकते है आप अगर आपके पास ये तांबे के या पीतल के चार कलश नहीं है तो आप इस तरह के छोटे छोटे घड़े **** **** और बीच का जो घड़ा है वो आप बड़ा **** **** क्योंकि जो बीच में जो घड़ा रखेंगे वो हमें दान कर देना है तो देखिए यहाँ पर चारों तरफ हमने कलश रख लिया है बीच में घड़ा रख लिया है Laxmi जी को Ganesh जी को विराजमान कर लिया उसके बाद सबसे पहले हम शुद्धिकरण करेंगे जल के छींटे लगा के शुद्धिकरण कर लिया है उसके बाद हम दीया जला लेंगे पूजा में सबसे पहले दिया जलाया जाता है तो हम दिया जला लेंगे सभी को हम वस्त्र स्वरूप कलावा समर्पित करेंगे तो यहाँ पर देखिए हम गणेश जी को कल आवा समर्पित कर देंगे लक्ष्मी माता को कलावा समर्पित करेंगे और जितने भी हमने घड़े रखे हैं कलश रखे हैं उन पर हमने पहले ही कलावा बांध दिया है

इसके बाद हम सभी को तिलक करेंगे तो यहाँ पर हम रोली से तिलक करेंगे चंदन से तिलक करेंगे अक्षय तृतीया पर चंदन से तिलक आप जरूर करें क्योंकि चंदन ठंडा होता है अक्षय तृतीया की पूजा में आप चंदन से जरूर तिलक लगाए क्योंकि चंदन शीतलता प्रदान करता है और अक्षय तृतीया के समय बहुत ज्यादा गर्मी हो जाती है तो हमें पूजा में चंदन का तिलक ज़रूर लगाना है अपने ठाकुर जी को भी आप इस दिन चंदन का तिलक ज़रूर लगाए चंदन से स्वस्तिक बनाए और देखिए अक्षय तृतीया के दिन लड्डू गोपाल जी का चंदन से श्रृंगार भी किया जाता है तो लड्डू गोपाल जी का आप चन्दन से श्रृंगार ज़रूर करें अब हम यहाँ पर सभी को पुष्प समर्पित करेंगे और जो भी जेवर या जो सिक्का या सोने चांदी की जो भी चीज़ आपने खरीदी है उसका पूजन भी आप साथ में ही करें तो सभी को हम यहाँ पर समर्पित कर देंगे, उसके बाद हमें चने की दाल समर्पित करनी है। तो देखिए थोड़ी सी दाल हम बीच वाले घड़े में डालेंगे, इसमें बहुत ज्यादा दाल ना डालें, थोड़ी-सी डाल दें। और जो चार कलश हमने चारों तरफ रखे हैं,

इनमें हम इस तरह से दाल डाल देंगे, तो इसमें आप थोड़ी-सी ज्यादा दाल डाल सकते हैं। लेकिन बीच वाले कलश में हम थोड़ी-सी दाल डालेंगे, बाकी दाल हम कलश के पास में रख देंगे क्योंकि वो हमें दान करना होता है। और दाल को भी हम दान कर देंगे। इसके बाद हम भोग स्वरूप जो भी रतूफल होते हैं वो रतूफल लेंगे। आम, खरबूजा, तरबूज, ककड़ी, खीरा ये सभी चीजें हम यहाँ पर लेंगे। तो बीच वाले कलश पर तो मैंने आम रख दिया है बाकी सब पर मैंने ककड़ी रखी है। आप अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी रतूफल कलश के ऊपर रख सकते हैं और इसके साथ ही हम लक्ष्मी जी को गणेश जी को सभी को भोग स्वरूप फल समर्पित करेंगे। साथ में जो भी पकवान आपने घर में बनाया हो आप वो पकवान भी जरूर समर्पित करें। यहाँ पर मैंने हलवा किया है उसके बाद आप एक लौटा जल लेकर ये अलग से हम कहानी सुनने के लिए एक लौटा जल लेंगे हाथ में हम चने की दाल ले लेंगे

और फिर हम अक्षय तृतीया की कहानी सुनेंगे कहानी सुनने के बाद जो हमने दाल ली है वो हम लौटे में डाल देंगे उसके बाद हम आरती करेंगे तो देखिए आरती करने के लिए यहाँ पर मैंने कपूर लिया है मैं कपूर आरती कर रहा हूँ आप दीये से आरती करना चाहे तो दिए से भी कर सकते है कपूर आरती करना चाहे तो कपूर आरती कर सकते है यहाँ पर हम भगवन Vishnu की आरती करेंगे Ganesh जी की आरती करेंगे Lakshmi जी की आरती करेंगे आरती करने के बाद हम हाथ जोड़कर पूजा में रही कमियों के लिए क्षमा याचना करेंगे और अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए प्रार्थना करेंगे दोस्तों उसके बाद जब हमारी आरती हो जाएगी पूजा संपन्न हो जाएगी तो जो जल का लौटा है जिससे हमें कहानी सुनी है ये हम सूर्य देवता को अर्घ्य दे देंगे  इस तरह से हमारी अक्षय तृतीया की पूजा हो जाएगी दोस्तों अक्षय तृतीया के दिन किए हुए दान का पुण्य फल हमें हमेशा प्राप्त होता है

ये पुण्य फल कभी नहीं होता अक्षय होता है यह तो आप दान ज़रूर करें अभी देखिए पूजा में जितने भी फल आपने लिए हैं जो घड़ा आपने मिट्टी का लिया है और जो दाल ली है चने की इस पर हम कुछ दक्षिणा रखकर ये पंडित जी को दान कर देंगे या किसी भी ज़रूरतमंद को आप ये दान कर सकते हैं इसके बाद देखिए तीन चार घंटे के बाद हमें जो ये चार कलश है ये बाद में उठाने होते हैं इन कलश के अंदर जो भी दाल रखी हुई है वो दाल आप kitchen में use कर लेंगे उसकी आप दाल बना ले सभी उसको ग्रहण कर ले जो फल है वो भी आप घर में सभी को बाँट दे और जो जल है वो आप पौधों की क्यारियों में डाल सकते है और इसके बाद देखिए जो भी हमने सोने चांदी की जो भी चीज रखी है जिसका हमने पूजन किया है जो आप खरीद के लाए है उसे आप अपने locker में रख लेंगे जो Laxmi जी Ganesh जी की मूर्ति है उसे हम अपने मंदिर में रख लेंगे

और देखिए पूजा में जो भी आप पत्ते और फूल use करते है उन्हें इधर उधर ना डाले उन्हें आप गमले में डाल दे किसी भी पौधे के नीचे रख दे ताकि उनकी बन जाए। दोस्तों इस तरह से हम बहुत ही आसानी से अक्षय तृतीया का पूजन करते हैं। अक्षय तृतीया के दिन सोना-चाँदी खरीदने का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन सोना-चाँदी खरीदने से घर में बरकत आती है सोने-चाँदी में बढ़ोतरी होती है घर की इनकम में बढ़ोतरी होती है और सुख समृद्धि आती है। दोस्तों जब भी आप सोने चांदी की चीज घर में खरीद के लाएं तो अक्षय तृतीया के दिन उसका पूजन जरूर करें। अक्षय तृतीया का दिन महा लक्ष्मी को समर्पित होता है। और इस दिन आप जल का दान जरूर करें। जल से भरा का आप जरूर दान करें। अगर आप अक्षय तृतीया के दिन ज्यादा दान ना भी कर पाए तो एक घड़े में जल भरकर उसमें थोड़ा सा मीठा डाल दे और कोई भी फल  जो भी ऋतुफल है और उसका दान आप इस दिन ज़रूर ज़रूर करें क्योंकि अक्षय तृतीया के दिन किया हुआ दान अक्षय होता है

akshaya tritiya 2024 saral puja vidhi in hindi यानी अक्षय तृतीया के दिन जो दान किया जाता है ना उसका फल कभी भी समाप्त नहीं होता उसका पुण्य फल हमें दिशा प्राप्त होता है इसलिए अपने सामर्थ्य के अनुसार अक्षय तृतीया के दान ज़रूर करें दोस्तों ये थी Akshay तृतीया की पूजन विधि अगर आपको ये सरल पूजन विधि पसंद आयी हो तो video को like करें और channel को subscribe करें देखने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद जय श्री Krishna जय माता Laxmi