
किसी व्यक्ति की कुं’डली में अगर शनि और मंग’ल का दो’ष हो तो उनकी सहायता सिर्फ़ भगवान हनुमान ही कर सकते हैं। हनुमान ने शनि को अपने पैरों त’ले द’बाया हुआ है वहीं मंगल भी उनके बस में है। कहा जाता है कि हनुमान जी को सा’धना आसान भी है और मु’श्किल भी। हनुमान जी भावनाओं से स’धने वाले हैं वो एक पल में भी अपने बन सकते हैं और सच्ची भावना न हो तो एक युग भी क’म पड़े। आज हम आपको उन उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे आप हनुमान जी को सा’धकर उनका आशीष पा सकते हैं और शनि, मंगल का दो’ष दू’र कर सकते हैं।
शनिवार और मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर में बैठकर 11 या 21 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें, शनि और मंगल का दो’ष दू’र होने लगेगा। वहीं अगर आप 11 मंगलवार तक हनुमान जी को चोला च’ढ़ाते हैं तो आपकी कुंडली का अं’गारक दो’ष भी दू’र हो सकता है। अगर आप पर शनि की साढ़े सा’ती या अढइया च’ढ़ी हो तो आप हर शनिवार को शाम को हनुमान जी के मंदिर में जाकर वहीं बैठकर पाँच आ’टे का दी’पक बनाएँ और उसे हनुमान जी के सामने ज’लाएँ।
हनुमान
जीवन में कोई भी परे’शानी हो हनुमान जी को गुड चने का भो’ग लगाएँ और उनके सामने हनुमान अष्टक का पाठ करें। नवग्रह को प्रसन्न करने के लिए भी हनुमान जी से ही प्रार्थना करें। उन्हें एक लोटा जल च’ढ़ाएँ और उनकी प्रतिमा से सिंदूर लेकर माथे पर ल’गाएँ। हनुमान जी को गुड़ह’ल के फूल की माला चढ़ाएँ और हर तरह की परे’शानी से मु’क्त होने के लिए और सफलता पाने के लिए मंदिर में हनुमान जी के साम’ने बै’ठकर मंग’लवार और शनिवार को सुंदरकां’ड का पाठ करें।