रायपुर के एसएसपी संतोष सिंह को पीएचडी की उपाधि मिली

*हेमचंद यादव दुर्ग विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में राज्यपाल छत्तीसगढ़ महामहिम रामेन डेका की उपस्थिति में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा एसएसपी रायपुर संतोष सिंह को मिली डॉक्टरेट की उपाधि*

*संयुक्त राष्ट्र के शांति प्रयासों से जुड़े विषय पर किए गए शोध कार्य पर अवार्ड की गई डिग्री*

रायपुर/दुर्ग छत्तीसगढ़ कॉडर के वरिष्ठ आईपीएस अफसर व एसएसपी रायपुर संतोष कुमार सिंह ने एक बड़ी शैक्षणिक उपलब्धि हासिल की है। राज्यपाल छत्तीसगढ़ महामहिम श्री रामेन डेका की उपस्थिति में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा उन्हें दुर्ग जिले के हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में आज संपन्न हुए द्वितीय दीक्षांत समारोह में उनके संयुक्त राष्ट्र के शांति प्रयासों से जुड़े विषय पर किए गए शोध कार्य पूर्ण करने पर आज डॉक्टर की उपाधि प्रदान की।

उन्होंने अपना शोध कार्य निर्देशक डॉ. सुनीता मिश्रा, विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान शासकीय नवीन महाविद्यालय भिलाई एवं सहायक-निर्देशक डॉ. प्रमोद यादव विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान, सेठ आरसीएस कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय दुर्ग के निर्देशन में पूरा किया है। उनके शोध का विषय था “United Nations Peacebuilding Commission: Assessing its Role and Functions” (संयुक्त राष्ट्र के शांति-निर्माण प्रयासों की भूमिका व कार्यों की समालोचना)। उन्होंने पाया है कि शीत युद्ध के बाद दुनिया में हिंसाग्रस्त राष्ट्रों में शांति को चिरस्थाई बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के शांति-रक्षा (पीस कीपिंग) और शांति-स्थापना (पीस मेकिंग) प्रयासों से आगे बढ़कर शांति-निर्माण या सुदृढ़ीकरण (पीस बिल्डिंग) कार्यों पर जोर देने की आवश्यकता है। इस सदी में संयुक्त राष्ट्र के यूएन पीसबिल्डिंग कमीशन के पर्यवेक्षण में किए जा रहे पीस-बिल्डिंग मिशनों ने दुनिया में शांति प्रयासों को बहुत मजबूत किया है। श्री सिंह की यह थीसिस संयुक्त राष्ट्र के शांति प्रयासों विशेषकर शांति-निर्माण (पीस-बिल्डिंग) जो शांति प्रयासों में नया क्षेत्र है, उसकी समझ बढ़ाने में मदद करेगा। 

बीआईटी दुर्ग के सभागार में आज संपन्न हुए दीक्षांत समारोह में प्रख्यात शिक्षाविद अतुल कोठरी, कुलपति अरुणा पल्टा, विधायक ललित चंद्राकर, गजेंद्र यादव, रिकेश सेन, रजिस्ट्रार भूपेंद्र कुलदीप, प्राध्यापकगण, शोधार्थी, छात्र- छात्राएं आदि उपस्थित थे।

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