
आगामी महीनों में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। इसको लेकर अब दलों की राजनीतिक लड़ाई लगातार जारी है। बता दें कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) को इस बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) से कड़ी चुनौती मिल रही है। भाजपा के सभी नेता ममता बनर्जी पर लगातार हमला बोल रहे हैं। इस साल होने वाला चुनाव कितना मज़ेदार होगा इसका अंदाजा शायद ही आप लगा सकें। इस साल भाजपा को मात देने के लिए ममता बनर्जी अपना सबसे बड़ा दांव चलने वाली हैं।
इसका ऐलान उन्होंने शुक्रवार को किया। जब टीएमसी के उम्मीदवारों की लिस्ट सामने आई तो सब हैरान रह गए। क्यूंकि बीते 30 सालों से ऐसा नहीं हुआ जो इस साल ममता बनर्जी करने जा रहीं हैं। बता दें कि इस साल ममता नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी। भाजपा की चुनौती को स्वीकार करते हुए उन्होंने ये फैसला लिया है। बता दें कि बीते 30 सालों से आज तक ममता अपने गढ़ से बाहर कभी भी चुनाव नहीं लड़ी। उन्होंने पिछले तीन दशकों से कभी भी भवानीपुर से अलग होकर चुनाव नहीं लड़ा। लेकिन इस बार वह ऐसा ही करने का रही हैं।
इसका ऐलान करते हुए ममता ने शुक्रवार को कहा कि “अगर जरूरत पड़ी तो मैं फिर यहां से चुनाव लड़ूंगी। मैं यहां से चुनाव लड़ूं या नहीं, मगर भवानीपुर हमेशा मेरी पकड़ में रहेगी।” गौरतलब हैं कि साल 1991 से लेकर 2011 तक ममता बनर्जी कोलकाता (साउथ) की सांसद थी। उसके बाद साल 2011 में उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़े। इस दौरान उन्होंने भवानीपुर को ही चुना। जिसके बाद से आज तक ममता भवानीपुर का प्रतिनिधित्व करती आई हैं।